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Trinity Sunday; Sing to the Lord: Sacred Music Sunday

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Sunday
May 26, 2024

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CHOIR

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Lectionary Theme: Trinity Sunday; Sing to the Lord: Sacred Music Sunday (1st Sunday after Pentecost)

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    Hn Mal

    17. तब मूसा लोगों को पर्वत की तलहटी पर परमेश्वर से मिलने के लिए डेरे के बाहर ले गया।

    18. सीनै पर्वत धुएँ से ढका था। पर्वत से धुआँ इस प्रकार उठा जैसे किसी भट्टी से उठता है। यह इसलिए हुआ कि यहोवा आग में पर्वत पर उतरे और साथ ही सारा पर्वत भी काँपने लगा।

    19. तुरही की ध्वनि तीव्र से तीव्रतर होती चली गई। जब भी मूसा ने परमेश्वर से बात की, मेघ की गरज में परमेश्वर ने उसे उत्तर दिया।

    20. इस प्रकार यहोवा सीनै पर्वत पर उतरा। यहोवा स्वर्ग से पर्वत की चोटी पर उतरा। तब यहोवा ने मूसा को अपने साथ पर्वत की चोटी पर आने को कहा। इसलिए मूसा पर्वत पर चढ़ा।

    21. यहोवा ने मूसा से कहा, “जाओ और लोगों को चेतावनी दो कि वे मेरे पास न आएं न ही मुझे देखें। यदि वे ऐसा करेंगे तो वे मर जाएंगे और इस तरह बहुत सी मौतें हो जाएंगी।

    22. उन याजकों से भी कहो जो मेरे पास आएंगे कि वे इस विशेष, मिलन के लिए स्वयं को तैयार करें। यदि वे ऐसा नहीं करते तो मैं उन्हें दण्ड दूँगा।”

    23. मूसा ने यहोवा से कहा, “किन्तु लोग पर्वत पर नहीं आ सकते। तूने स्वयं ही हम से एक रेखा खींचकर पर्वत को पवित्र समझने और उसे पार न करने के लिए कहा था।”

    24. यहोवा ने उससे कहा, “लोगों के पास जाओ और हारून को लाओ। उसे अपने साथ वापस लाओ। किन्तु याजकों और लोगों को मत आने दो। यदि वे मेरे पास आएंगे तो मैं उन्हें दण्ड दूँगा।”

    25. इसलिए मूसा लोगों के पास गया और उनसे ये बातें कहीं।

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    Hn Mal

    1. मैं कहता हूँ कि उत्तराधिकारी जब तक बालक है तो चाहे सब कुछ का स्वामी वही होता है, फिर भी वह दास से अधिक कुछ नहीं रहता।

    2. वह अभिभावकों और घर के सेवकों के तब तक अधीन रहता है, जब तक उसके पिता द्वारा निश्चित समय नहीं आ जाता।

    3. हमारी भी ऐसी ही स्थिति है। हम भी जब बच्चे थे तो सांसारिक नियमों के दास थे।

    4. किन्तु जब उचित अवसर आया तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा जो एक स्त्री से जन्मा था। और व्यवस्था के अधीन जीता था।

    5. ताकि वह व्यवस्था के अधीन व्यक्तियों को मुक्त कर सके जिससे हम परमेश्वर के गोद लिये बच्चे बन सकें।

    6. और फिर क्योंकि तुम परमेश्वर के पुत्र हो, सो उसने तुम्हारे हृदयों में पुत्र की आत्मा को भेजा। वही आत्मा “हे अब्बा, हे पिता” कहते हुए पुकारती है।

    7. इसलिए अब तू दास नहीं है बल्कि पुत्र है और क्योंकि तू पुत्र है, इसलिए तुझे परमेश्वर ने अपना उत्तराधिकारी भी बनाया है।

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    Hn Mal

    11. अब हे भाईयों, मैं तुमसे विदा लेता हूँ। अपने आचरण ठीक रखो। वैसा ही करते रहो जैसा करने को मैंने कहा है। एक जैसा सोचो। शांतिपूर्वक रहो। जिससे प्रेम और शांति का परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेगा।

    12. पवित्र चुम्बन द्वारा एक दूसरे का स्वागत करो। सभी संतों का तुम्हें नमस्कार।

    13. तुम पर प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह, परमेश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ रहे।

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    Hn Mal

    16. :

    17. जब उन्होंने यीशु को देखा तो उसकी उपासना की। यद्यपि कुछ के मन में संदेह था।

    18. ; लूका

    19. -

    20. :